सही-ग़लत(Sahi Galat Hindi Poem) रात के अँधेरे में अगर तुम, चेहरा ढक कर निकलोगे तो तुम्हे लोग पहचान लेंगे, तुम्हारी नियत जान लेंगे ।। तुम सही नहीं हो तुम जरुर सही नहीं हो तुम ग़लत हो या ग़लत करने जा रहे हो ।। तूने ऐसा क्या किया, कि अपना चेरा ढक लिया ? चोरी […]
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फ़ासले..(Fasale)
मैंने देखा अज़ीब सी घटना, जो थी बहुत खास । मानव खा रहे थे मांस, व कुत्ते खा रहे थे घास ।। उनके घर के बचे भोजन से , आज भी आ रही थी बांस । मेरे घर के बच्चों को छोड़ो , चूहें भी है उदास ।। वहां होती अतिवृष्टि से जीवन त्रास- […]
तनहा ही रह गया
न मैं स्मार्ट बनने की कोशिश करता हूँ, और न ही मैं परियों पे मरता हूँ। वो एक भोली सी लड़की है, जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ। उसकी तस्वीर मेरी दिलों दिमाग व आखों में बसी है, मगर ‘हाय’ वो किसी और को दिल दे चुकी है। अब एक ही बात मुझे खटकती है हर रोज़, […]
आहिस्ता चल जिंदगी
आहिस्ता चल जिंदगी,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है रफ़्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए कुछ छूट गए रूठों को मनाना बाकी है रोतों को हँसाना बाकी है कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए उन टूटे […]